सरयू किनारे पुष्प वाटिका पर उठे सवाल: बिना सुरक्षा के योजना खतरे में
पर्यावरण संरक्षण या दिखावे की बागवानी?
अयोध्या।अंतरराष्ट्रीय धार्मिक नगरी अयोध्या की छवि निखारने के उद्देश्य से सरयू नदी किनारे विकसित की जा रही भव्य पुष्प वाटिका अब संदेहों और चर्चाओं के घेरे में आ गई है। करीब 15 एकड़ क्षेत्र में फैली इस वाटिका का शुभारंभ वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे और श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा जैसे विशेष अवसरों पर किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इसमें पौधरोपण कर इसकी शुरुआत की थी। लेकिन अब यह योजना प्रशासनिक लापरवाही और तकनीकी चूक के आरोपों से घिरती दिख रही है।इस परियोजना को एडॉप्शन मॉडल के तहत दिल्ली की ‘गार्डन ग्लोरी ऑफ इंडिया’ नामक कंपनी को सौंपा गया था। लेकिन अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या यह सौंपा जाना पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के तहत हुआ? क्या परियोजना के पहले पर्यावरणीय मूल्यांकन और तकनीकी समीक्षा की गई?वर्तमान में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और किनारे कटान की गंभीर स्थिति बनी हुई है। ऐसे में वाटिका में लगी सोलर लाइटें, फूलों की क्यारियां, कांच और लोहे की संरचनाएं बिना किसी रिटेनिंग वॉल या बोल्डर सुरक्षा के महज दिखावा प्रतीत हो रही हैं।
कंपनी प्रतिनिधि कौशलेंद्र अग्रवाल ने कहा, यह हमारा पहला अनुभव है। हमने वाटिका नगर निगम से एडॉप्शन मॉडल पर ली है। फिलहाल यह परीक्षण चरण में है। अगस्त में जब जलस्तर घटेगा, तब रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। दीपोत्सव तक सारी व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी। इसमें कोई सरकारी फंडिंग नहीं है, केवल भूमि मिली है।

Author: Rainbow News Hindustan
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