वित्तविहीन योजना की आड़ में माध्यमिक विद्यालयों में चल रहा है करोड़ों का गोरखधंधा।

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वित्तविहीन मान्यता योजना अब शिक्षा के क्षेत्र में बना भ्रष्टाचार का अड्डा
फीस और संसाधनों के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों हजम कर रहे स्कूल

प्रबंधक और प्रधानाचार्य
वित्तविहीन योजना की आड़ में माध्यमिक विद्यालयों में चल रहा है करोड़ों का गोरखधंधा।

संजय यादव,अयोध्या।

राज्य सरकार द्वारा निजी विद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही वित्तविहीन मान्यता योजना अब शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार का अड्डा बनती जा रही है। माध्यमिक स्तर के कई विद्यालयों में प्रबंधक और प्रधानाचार्य इस योजना की आड़ में शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विद्यालयों को विज्ञान, कृषि और मानविकी वर्ग की वित्तविहीन मान्यता मिलने के बाद छात्र-छात्राओं से प्रति माह ₹500 से ₹1200 तक शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि इन विद्यालयों में अध्यापन कार्य उन्हीं शिक्षकों से कराया जा रहा है जो पहले से ही सरकारी वेतन पा रहे हैं।
शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शुरू की गई योजना अब भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है। विद्यालयों में न तो योग्य शिक्षक हैं, न ही आवश्यक प्रयोगशालाएं और संसाधन। इसके बावजूद अभिभावकों से मोटी फीस वसूली जा रही है और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
यह योजना उन विद्यालयों के लिए है जो बिना सरकारी अनुदान के संचालित होते हैं। इन विद्यालयों को मान्यता प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करना होता है। इन्हें अपने शिक्षक, स्टाफ, भवन, संसाधन और वेतन का खर्च स्वयं वहन करना होता है। योजना के तहत विद्यालय को केवल मान्यता दी जाती है, आर्थिक सहायता नहीं।
जब इस गोरखधंधे की जानकारी जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. पवन कुमार से ली गई तो उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा मुझे इन विद्यालयों में इस प्रकार के अवैध कार्यों की जानकारी नहीं थी। तत्काल प्रभाव से सभी वित्तविहीन विद्यालयों को निर्देश दिए जाएंगे कि किसी भी सरकारी वेतन पाने वाले शिक्षक से वित्तविहीन कक्षाओं में शिक्षण कार्य न लिया जाए। केवल योग्य शिक्षकों की ही नियुक्ति हो और उन्हें उचित मानदेय दिया जाए। नियमों की अवहेलना करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। शिक्षा व्यवस्था में बढ़ रही इस गड़बड़ी को लेकर अभिभावकों और सामाजिक संगठनों में रोष है।

Rainbow News Hindustan
Author: Rainbow News Hindustan

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