प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के विरोध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा
जिलाध्यक्ष सरोज यादव ने कहा- गरीबों की शिक्षा और महिलाओं का रोजगार खतरे में
संजय यादव,अयोध्या।
मंगलवार को महिला सभा के तत्वावधान में एक बड़ा आंदोलन देखने को मिला। जिलाध्यक्ष सरोज यादव के नेतृत्व में महिलाओं ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन नायब तहसीलदार श्री गौरी शंकर को सौंपा। ज्ञापन में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में चलाए जा रहे हजारों प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया गया।
महिला सभा की ओर से कहा गया कि यह निर्णय गरीब, पिछड़े एवं दलित समाज के बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर सीधा प्रहार है। यह कदम न केवल संविधान की आत्मा के विरुद्ध है, बल्कि सामाजिक न्याय और समान अवसर जैसे मौलिक सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।सभा में वक्ताओं ने कहा कि इन विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों का भी भविष्य अधर में लटक गया है। ज्ञात हो कि अधिकांश रसोइया महिलाएं हैं, जिनमें कई विधवा, निराश्रित और अत्यंत गरीब परिवारों से आती हैं। विद्यालय बंद होने के कारण इनका रोजगार संकट में पड़ गया है, जिससे न केवल उनका बल्कि उनके परिवार का जीवन यापन कठिन हो जाएगा।सभा ने इसे महिला सशक्तिकरण की भावना के खिलाफ बताते हुए सरकार से तुरंत इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।इस अवसर पर जिला महासचिव डॉ. निषाद अख्तर, उपाध्यक्ष राजकुमारी कोरी, यशोमती कोरी, बीकापुर विधानसभा अध्यक्ष रीता निषाद, अयोध्या विधानसभा अध्यक्ष बबीता श्रीवास्तव, कांति रावत, उषा यादव, उषा गुप्ता, मीना कुमारी, मीना, रिचा यादव, शिवपति, गुड़िया यादव, सूरदीप यादव, अखिलेश चौबे, विमला, नीलम, स्नेह लता निषाद, रीता निषाद, रीता रावत सहित सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रहीं।

Author: Rainbow News Hindustan
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