कबीर जयंती समारोह : कबीर धर्म मंदिर, जीयनपुर चूड़ामणि चौराहा ,अयोध्या
संत कबीर समाज के वास्तविक शिल्पी : परीक्षा साहेब
संजय यादव,अयोध्या।
संत शिरोमणि सद्गुरु कबीर साहेब जी की 627वीं पावन जयंती के शुभ अवसर पर कबीर धर्म मंदिर जीयनपुर चूड़ामणि चौराहा अयोध्या में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए संत-महात्मा, विचारक, समाजसेवी एवं श्रद्धालु सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत परीक्षा दास जी ने की, जिन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कबीर दास जी समाज के वास्तविक शिल्पी थे जिन्होंने पाखंड, जाति-पाति और सामाजिक विषमताओं पर प्रहार करते हुए भक्ति और मानवता का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि श्री चंपत राय जी, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या ने अपने वक्तव्य में कहा कि, कबीर दास जी स्वामी रामानंद जी के द्वादश परम शिष्यों में से एक थे। वह निर्गुण तत्व के परम ज्ञानी थे जिन्होंने निर्गुण भक्ति धारा चलाई।उन्होंने यह भी कहा कि कबीर की वाणी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी उनके समय में थी। कबीर का जीवन सादगी, सत्य और साहस की प्रतिमूर्ति है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म जागरण विभाग के अयोध्या विभाग संयोजक डॉ. अनिल कुमार ने कबीर विचारधारा को राष्ट्र जागरण का मूल आधार बताया। उन्होंने कहा कि कबीर का निर्भीक चिंतन हमें आज भी सांप्रदायिक सौहार्द, सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक उन्नयन की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम की शुरुआत बीजक पाठ से हुई, जिसके पश्चात झंडारोहण, दीप प्रज्वलन एवं कबीर साहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके उपरांत निर्गुण भजन की मधुर स्वर लहरियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम में कौशांबी से पधारे विचारक विकास साहब ने कबीर की जीवन-दृष्टि और उनकी वाणी पर विशेष चर्चा की। सील दास जी ने कबीर साहेब पर रचित अपनी साहित्यिक रचना “आदर्श उत्तम है गुरू कबीर का कविता के माध्यम से ओजपूर्ण गायन से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
श्री धर्म प्रकाश जी (व्यवस्थापक) ने कार्यक्रम के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे कार्यक्रम में संत समाज की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिससे यह आयोजन संत समागम का रूप ले सका। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि आज भी संत कबीर की वाणी जन-जन के हृदय में जीवित है।
समापन पर प्रसाद वितरण और सर्वधर्म समभाव का संदेश देते हुए यह भव्य आयोजन कबीर विचारधारा के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुआ।
(शील दास कबीरमठ जीयनपुर चूड़ामणि चौराहा अयोध्या)

Author: Rainbow News Hindustan
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