एनएसयूआई जिलाध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे रहे गोस्वामी का अंतिम दौर में हटाया नाम,नए अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी का संकेत।

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एनएसयूआई जिलाध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे रहे गोस्वामी का अंतिम दौर में हटाया नाम,

नए अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी का संकेत।
नरेन्द्र सेठिया ।

।चित्तौड़गढ़ जिले में भाजपा के बाद अब कोंग्रेस में भी सबकुछ ठीक नही चल रहा इस बात से इंकार नही किया जा सकता है, जहा पहले भाजपा की गुटबाजी सामने आई अब धीरे धीरे कांग्रेस की गुटबाजी भी खुलकर दिखने लगी है।
एनएसयूआई के जिला नेतृत्व की घोषणा को लेकर संगठन में हलचल मची हुई है।
सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे अल्पेश गोस्वामी को इस बार जिलाध्यक्ष या अन्य जिम्मेदारी नहीं मिली, बावजूद इसके उन्होंने संगठन के फैसले का सम्मान करते हुए शांति और संयम का परिचय दिया।
गोस्वामी ने कहा, “NSUI का हर निर्णय संगठन की दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित होता है, मैं पार्टी के साथ खड़ा हूँ।”
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर किसी भी बड़े नेता का समर्थन गोस्वामी को नहीं मिला, फिर भी ज़मीनी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी पकड़ मजबूत रही।
घोषणा के बाद गोस्वामी प्रदेश अध्यक्ष के साथ के लिए झालावाड़ रवाना हुए, जिससे साफ़ हुआ कि वे संगठन के प्रति समर्पित हैं और भविष्य में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
वहीं एनएसयूआई के भीतर नए जिलाध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के बीच गुटबाजी के संकेत भी मिल रहे हैं, जो संगठन के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि दोनों के समर्थक अलग-अलग खेमों में सक्रिय हैं और संगठन की स्थिरता पर असर डाल सकते हैं।

Rainbow News Hindustan
Author: Rainbow News Hindustan

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