दिगंबर अखाड़ा में संत रामचंद्रदास परमहंस की पुण्य स्मृति में श्रीरामकथा का भव्य शुभारंभ।
संत विजय कौशल जी महाराज ने किया कथा प्रवर्तन, संत समाज और श्रद्धालुओं की रही भावपूर्ण उपस्थिति
अयोध्या। सनातन धर्म के शीर्ष स्तंभ, मंदिर आंदोलन के अमर सेनानी और दिगंबर अखाड़े के तेजस्वी आचार्य पूज्य संत रामचंद्रदास परमहंस जी महाराज की पुण्य स्मृति को समर्पित पाँच दिवसीय श्रीरामकथा का शुभारंभ मंगलवार को दिगंबर अखाड़े में हुआ। यह आयोजन परमहंस जी की आध्यात्मिक विरासत और श्रीरामलला के लिए उनके संघर्ष को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित है।
कथा प्रवर्तन प्रख्यात रामकथावाचक संत विजय कौशल जी महाराज ने किया। उन्होंने जैसे ही कथा आरंभ की, वातावरण भक्तिरस से आप्लावित हो उठा। श्रोताओं के बीच भक्ति, भाव और आस्था की तरंगें लहराने लगीं। कथा स्थल तीर्थ तुल्य हो गया।
इस अवसर पर महंत वैदेहीवल्लभशरण, रामशरणदास, महंत रामकुमारदास, आशुतोष प्रताप सिंह, आदित्य शुक्ला सहित संत समाज और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
हनुमान जी को कथा का परम प्रेम है। जहां कथा होती है, वहीं समस्त तीर्थ प्रकट हो जाते हैं। कथा केवल श्रवण नहीं, आत्मा की शुद्धि और प्रभु से मिलन का माध्यम है।” दिगंबर अखाड़ा परिसर इन दिनों रामकथा के दिव्य स्वरूप से आलोकित हो रहा है। पूज्य परमहंस जी का जीवन स्वयं श्रीरामकथा का सजीव उदाहरण था त्याग, तपस्या, और अडिग संकल्प से भरा हुआ। आज उनकी स्मृति में हो रही यह कथा आने वाली पीढ़ियों को धर्म, सेवा और राष्ट्र प्रेम का संदेश दे रही है।

Author: Rainbow News Hindustan
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