हिंदी को समग्र आत्मसात किये बिना भारत की वास्तविक प्रगति संभव नहीं- महंत स्वामी पागल दास

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हिंदी को समग्र आत्मसात किये बिना भारत की वास्तविक प्रगति संभव नहीं- महंत स्वामी पागल दास

हिंदी को समग्र आत्मसात किये बिना भारत की वास्तविक प्रगति संभव नहीं- महंत स्वामी पागल दास।

संजय यादव,अयोध्या।

मातृभाषा हिंदी के समग्र उत्थान के प्रति समर्पित हिंदी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री डॉo सम्राट अशोक मौर्य व संस्थान द्वारा प्रकाशित लोकप्रिय पत्रिका “साहित्य सम्राट” के सह सम्पादक राम केर सिंह को हिंदी के समुन्नयन के प्रति समर्पित को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए श्री सीताराम आश्रम खिलौना कुंज मातगैंड अयोध्या के श्री महंत स्वामी पागल दास जी महाराज,उक्तअवसर परश्री महाराज जी ने कहा कि हिंदी को बिना समग्र आत्मसात किये भारत की वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती, सरकार को यथाशीघ्र हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित कर विश्व में इसका सम्मान बढ़ाना चाहिए, तभी भारत का मूलभूत विकास संभव हो सकताहै,और तभी हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता सुरक्षित और संरक्षित रह सकती हैl उत्तअवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री डाoसम्राट अशोक मौर्य ने कहा कि हमें संपूर्ण देश में जन आंदोलन के रूप में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संघर्ष करना होना,हाल ही में महाराष्ट्र से हिंदी के विरुद्ध में उठ रहे विरोधी स्वर की निंदा करते हुए कहा की मातृभाषा का सम्मान संपूर्ण देश को करना ही होगा तभी राष्ट्र का वास्तविक विकास संभव है l

Rainbow News Hindustan
Author: Rainbow News Hindustan

Mo.9414526432

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