स्वर्गीय भगवती लाल ढीलीवाल की प्रथम पुण्यतिथि पर थैलेसीमिया जांच एवं परामर्श शिविर का हुआ आयोजन।
नरेन्द्र सेठिया,चित्तौड़गढ़।
स्व. भगवती लाल ढीलीवाल की स्मृति में प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर ढीलीवाल परिवार द्वारा थैलेसिमिया पर एच एल ए टाइपिंग टेस्ट एवं थैलेसीमिया के स्थाई समाधान हेतु बोन मेरो ट्रांसप्लांट हेतु निःशुल्क परामर्श एवं जांच शिविर का आयोजन शिविर थैलेसीमिया एवं सिकल सेल वेलफेयर सोसायटी नीमच एवं आचार्य तुलसी बहुउद्देश्यीय फाउंडेशन (एटीबीएफ) चित्तौड़गढ़ के तत्वाधान में
6 जुलाई 2025, रविवार को केसरिया जैन गुरुकुल, स्टेशन रोड चित्तौड़गढ़ में प्रातः 8 बजे से 1 बजे तक आयोजित किया गया जिसमें कुल 55 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों ने अपने परिजनों सहित पहुंच कर पंजियन कराकर शिविर में निःशुल्क एच एल ए जांच करवाया जिसका प्रति मरीज का खर्च 25000 के लगभग आयोजकों द्वारा वहन किया गया। शिविर में पीड़ित बच्चों एवं उनके परिजनों का मिलाकर कुल 102 एच एल ए जांच कर शेम्पल संगृहीत किया गया। शिविर में चित्तौड़गढ़ जिले के दुरस्त इलाकों सहित प्रतापगढ़, इंदौर, जोधपुर तक के लोगों ने पहुंच कर निःशुल्क परामर्श का लाभ उठाया।
*एटीबीएफ के देव शर्मा ने बताया की थैलेसीमिया मेज़र* बच्चों को निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, देश के सुप्रसिद्व *हेमेटोलॉजिस्ट एवं बोन मेरो ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट, डॉ सुनिल् भट्ट नारायणा हॉस्पिटल बंगलोर )* द्वारा नि:शुल्क परामर्श एवम मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
थैलेसीमिया एवं सिकलसेल वेलफेयर सोसायटी नीमच के सत्येंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार *12 वर्ष से कम* आयु के बच्चो का, उनके सगे भाई बहनो ( कोई भी उम्र के हो ), नि:शुल्क *एच एल ए टाइपिंग* जांच की गई व थैलेसिमिया मेजर बच्चे ओपीडी के लिए पुरानी सभी *रिपोर्ट्स और फेरिटीन की नई रिपोर्ट* जांच कर परामर्श प्रदान किया गया। राठौड़ ने बताया कि उन्होंने पूरे देश में अब तक 15 से अधिक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का निःशुल्क बोन मेरो ट्रांसप्लांट करवाया है।
संस्थापक सुनील ढीलीवाल के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले में इस प्रकार का यह पहला कैम्प आयोजित किया गया है जिसका मरीजों ओर परिवार को सीधा निःशुल्क लाभ मिला।
थैलेसीमिया के इस शिविर में अतिथि पीएमओ डाॅक्टर दिनेश वैष्णव, राम गुरबानी डायरेक्टर भाटिया एंड कंपनी, जैन गुरुकुल अध्यक्ष राजेश विरानी, बलवंत शिशोदिया मौजूद रहें।
पीएमओ डाॅक्टर दिनेश वैष्णव ने कहा कि थैलेसीमिया पर इस प्रकार का यह कैम्प चित्तौड़गढ़ जिले में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। डाॅक्टर दिनेश वैष्णव ने सुनील ढीलीवाल के रक्तदान एवं थैलेसीमिया के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने पर उनका धन्यवाद दिया।
बैंगलोर से पहुंचे डाॅक्टर सुनील भट्ट ने सभी मरीजों का एच एल ए जांच करने के बाद परिजनों को आवश्यक परामर्श प्रदान कर दवाएं लिखीं। अपने सम्बोधन में डाॅक्टर भट्ट ने सभी परिजनों को कहा कि सभी को विवाह से पूर्व थैलेसीमिया की जांच करवानी चाहिए। अगर पति और पत्नी थैलेसीमिया माइनर से ग्रसित है तो उत्पन्न संतान में 25% स्वस्थ्य, 25% मेजर और 50% थैलेसीमिया माइनर से पीड़ित होंगे। पीड़ित बच्चों के लिए डाॅक्टर ने कहा कि उनका हीमोग्लोबिन 9.5 से 10.5 के बीच में मेंटेन होना आवश्यक है जिन बच्चों का हीमोग्लोबिन 4,5,6 से 8 के बीच में होता है उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उनके पित्त की थैली और लीवर में सुजन आ जाती है और पीड़ित बच्चों का मुंह टेढ़ा हो जाता है शारीरिक क्षमता भी कमजोर हो जाती है। उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों को लाल रक्त कणिकाएं ही डोनेट करनी चाहिए जो कि बच्चे के प्रति किलो वजन के अनुपात में 15 मिलीग्राम प्रति किलो डोनेट करना होता है। भट्ट ने कहा कहा कि ब्लड डोनेशन के बाद बच्चों में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है जिसे बाहर निकालने के लिए केल्फर और डेसिरोक्स नामक टेबलेट भी बच्चों को उनके वजन के अनुपात में केल्फर प्रति 1 किलो पर 100 मीलीग्राम यानी कि 25 किलो वाले बच्चे को 2500 मीली ग्राम की गोलियां एक दिन में तीन बार देनी होती है। डेसिरोक्स की टेबलेट वजन का चालिस गुणा (मिलीग्राम) यानी 25 किलो वाले बच्चे को 500 मीली ग्राम की दो गोली एक दिन में एक बार खाली पेट सुबह सुबह पानी में घोलकर देनी होती है। खान पान में बच्चे साधारणतया सभी भोजन ग्रहण कर सकते हैं बस भोजन लोहे के बर्तन में नहीं बना हो। भोजन के रूप में बाहरी आयरन मात्र एक प्रतिशत ही शरीर में जाता है। उन्होंने परिजनों को कहा कि एच एल ए जांच रिपोर्ट आने के बाद बच्चों को निःशुल्क बेन मेरो ट्रांसप्लांट की व्यवस्था भी की जाएगी जिसके लिए परिवार की आय आठ लाख से कम होने का प्रमाणपत्र, और पीड़ित का जन्म प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
शिविर में राजेश ढीलीवाल, विणा, रेखा, सौरभ, आयुष, चिराग, श्वेता, निषिका, आरवी, सिद्धम एवं समस्त ढीलीवाल परिवार उपस्थित रहे जिन्होंने आने वालों की ठहरने और भोजन की व्यवस्था की।
टीम एटीबीएफ महिला टीम से नगर अध्यक्ष पूर्णिमा मेहता, उपाध्याय तारा पारीक, सचिव अनामिका चौहान, तारा सहलोत, राखी गुप्ता, मिनाक्षी लढ्ढा, प्रमीला बड़ाला, डॉक्टर दर्शना मेहता ने पंजीकरण कर अपनी सेवाएं दी।
पुरुष टीम एटीबीएफ से देव शर्मा, अभियंता अनिल सुखवाल, संजय जैन, लक्ष्मण छीपा, नासीर हुसेन, दिलीप सुथार, रवि जैन, शैलेन्द्र रांका, सुरेन्द्र टेलर, अनिल भूतड़ा आदि ने अपनी सेवाएं प्रदान की।

Author: Rainbow News Hindustan
Mo.9414526432