दिव्यांगजनों के समुचित विकास हेतु इस प्रकार के कार्यक्रमों को अत्यंत आवश्यक बताया – राघवेंद्र शुक्ला।
प्रारंभिक पहचान और विकासात्मक विकारों में समय पर हस्तक्षेप” विषयक तीन दिवसीय CRE कार्यक्रम का भव्य आयोजन
संजय यादव,अयोध्या l
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) द्वारा अनुमोदित तीन दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा (CRE) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत गरिमामयी और सुसंगठित ढंग से अयोध्या में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय “प्रारंभिक पहचान और विकासात्मक विकारों में समय पर हस्तक्षेप” रहा, जिसमें देश-प्रदेश से आए विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास क्षेत्र के प्रबुद्ध विशेषज्ञों ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह: इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला होमगार्ड कमांडेंट श्री राघवेंद्र शुक्ला, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी श्री चंद्रेश त्रिपाठी, एवं न्यू हनुमानगढ़ के योगाचार्य एवं महंत श्री महेश योगी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतिथियों ने अपने उद्घाटन भाषण में दिव्यांगजनों के समुचित विकास हेतु इस प्रकार के कार्यक्रमों को अत्यंत आवश्यक बताया तथा आयोजकों को साधुवाद दिया। प्रमुख वक्ताओं के व्याख्यान एवं विषय: डॉ. दानवीर गौतम, असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने “विकासात्मक विकारों की प्रारंभिक पहचान” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस प्रकार बाल्यावस्था में ही लक्षणों को समझकर समुचित हस्तक्षेप किया जा सकता है। श्री कमल कुमार, RCI विशेषज्ञ ने “समय पर हस्तक्षेप की रणनीतियाँ” पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए विभिन्न नीतिगत पहलुओं और व्यवहारिक उपायों की जानकारी दी। श्री दुर्गेश कुमार यादव वर्मा, क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र, लखनऊ से आए विशेषज्ञ ने “पुनर्वास सेवाओं का क्षेत्रीय विस्तार और सरकारी योजनाएं” विषय पर जानकारी देते हुए केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं पर व्यावहारिक दृष्टिकोण साझा किया। डॉ. सुधीर राय, प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, कासा साकेत महाविद्यालय, अयोध्या ने “मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और परामर्श की प्रक्रिया” पर गंभीर और गहन विवेचना की। श्री दिलीप सिंह, राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, अंबेडकर नगर ने “विशेष शिक्षा की वर्तमान चुनौतियाँ एवं नवाचार” पर अपने अनुभव साझा किए और शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे व्यक्तिगत ध्यान और सहायक उपकरणों के माध्यम से शिक्षा को अधिक प्रभावशाली बनाएं।
श्री अंबिकेश त्रिपाठी, राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक एवं SRG सदस्य, फैजाबाद ने “समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका” पर जोर देते हुए समावेशी कक्षाओं में व्यवहारिक समस्याओं और उनके समाधान प्रस्तुत किए। डॉ. उपेंद्र मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक ने “प्राकृतिक चिकित्सा एवं वैकल्पिक उपचार पद्धतियाँ” विषय पर दिव्यांग बच्चों के व्यवहारिक लक्षणों को नियंत्रित करने में होम्योपैथी की भूमिका पर प्रकाश डाला। समापन समारोह: समापन समारोह में ग्रामोदय आश्रम पी.जी. कॉलेज, श्याम, अंबेडकर नगर के प्राचार्य डॉ. राकेश चंद्र तिवारी एवं वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. अनुपम पांडे ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किए एवं कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण संरचना एवं विषयवस्तु की सराहना करते हुए आयोजकों को शुभकामनाएं दीं।
आयोजन समिति एवं सहयोग कार्यक्रम के संयोजक श्री अंकित मिश्रा एवं प्रबंधक प्रदीप तिवारी ने समस्त अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों को आभार प्रकट करते हुए कहा कि “इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षकों को व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान कर उनके कार्य में सशक्तता लाते हैं।”
कार्यक्रम की व्यवस्था को सफल बनाने में श्री शरद त्रिपाठी, श्री दिनेश राय, श्रीमती सरिता, एस.पी. मिश्रा, अभय द्विवेदी, विकास पांडे, सचिन तिवारी, रजनीश मिश्रा सहित समस्त टीम का योगदान सराहनीय रहा। यह कार्यक्रम न केवल एक शैक्षणिक आयोजन था, बल्कि विशेष शिक्षा एवं पुनर्वास क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षकों, चिकित्सकों, समाजसेवियों एवं नीति निर्धारकों के लिए एक विचार मंच भी बना, जो आने वाले समय में दिव्यांगजनों के समग्र विकास के लिए नई दिशा तय करेगा।

Author: Rainbow News Hindustan
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